ताज का दीदार करने पहुंचे ट्रम्प, लेकिन अपने ही ताजमहल को आर्थिक तंगी के चलते दो साल पहले बेच चुके हैं

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पत्नी मेलानिया के साथ ताजमहल का दीदार करने आगरा पहुंचे। हालांकि ट्रम्प खुद भी एक ताजमहल के मालिक रह चुके हैं। उन्होंने 30 साल पहले 1990 में न्यूजर्सी में ताजमहल नाम का होटल बनवाया था। इस होटल में उन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा कसीनो शुरू किया था। हालांकि ट्रम्प शाहजहां नहीं बन सके, क्योंकि आर्थिक तंगी के चलते उन्हें अपने ताजमहल होटल को बेचना पड़ा था।


न्यूजर्सी में 1990 में ताजमहल होटल बनाने में करीब 71.98 हजार करोड़ रुपए का खर्च आया था। घाटे के चलते इसे 2016 में बंद कर दिया गया था। मार्च 2017 में ट्रम्प के ताजमहल को सेमिनोल ट्राइब ऑफ फ्लोरिडा नाम की कंपनी ने खरीद लिया। कंपनी ने ताज होटल को हार्ड रॉक कैफे का नाम देकर फिर से शुरू किया। इसके रिनोवेशन पर कंपनी ने 27 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की बात कही थी।


ट्रम्प अपने ताजमहल को दुनिया का 8वां अजूबा कहते थे


ट्रम्प अपने ताजमहल होटल को दुनिया का 8वां अजूबा कहते थे। जब सेमिनोल कंपनी के साथ इस ताज होटल को बेचने का करार हुआ, तो इसे उन्होंने आर्ट ऑफ डील बताया था। डील के वक्त ताजमहल होटल 25.19 हजार करोड़ रुपए के घाटे में था। इस होटल की देखरेख उनकी पैरेंटल कंपनी ट्रम्प इंटरटेनमेंट रिजॉर्ट्स के जिम्मे थी। तब यह कंपनी दिवालिया हो गई थी।


ट्रम्प के होटल में 1900 कमरे थे


ट्रम्प का ताजमहल होटल करीब 3 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें 1900 से ज्यादा कमरे हैं। हर कमरे की बनावट और साज-सज्जा ताजमहल की तर्ज पर की गई है। होटल में हाथी और भगवान गणेश की प्रतिमा भी थी। इसका उद्धाटन खुद ट्रम्प ने किया था।